Headline
चार साल के मासूम का मिला आधा अधजला शव, मुकदमा दर्ज
चार साल के मासूम का मिला आधा अधजला शव, मुकदमा दर्ज
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने सीएम धामी से की मुलाकात 
अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने सीएम धामी से की मुलाकात 
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास

भारत में प्लास्टिक कचरा- बढ़ता खतरा और पर्यावरण पर असर

भारत में प्लास्टिक कचरा- बढ़ता खतरा और पर्यावरण पर असर

नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि चाय-समोसे के साथ इस्तेमाल किया गया प्लास्टिक डिस्पोजल या सब्जी लाने के लिए उपयोग की गई प्लास्टिक थैली आखिरकार कहां जाती है? ये सारे प्लास्टिक कचरे का बड़ा हिस्सा हमारे समुद्रों और नदियों में पहुंच कर उन्हें प्रदूषित कर रहा है। एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत दुनिया में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाले देशों में से एक है। हर साल लाखों टन प्लास्टिक कचरा फेंकने से देश के पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है।

रिसर्च से यह बात सामने आई है कि भारत में प्लास्टिक प्रदूषण का एक प्रमुख कारण यह है कि अधिकांश प्लास्टिक कचरा सीधे पर्यावरण में फेंक दिया जाता है। इससे प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े (माइक्रोप्लास्टिक) खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर रहे हैं, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए खतरनाक हैं।

सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध: हकीकत क्या है?
भारत ने 1 जुलाई 2022 को सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया था, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना था। इस कदम से उम्मीद थी कि सालाना कम से कम 0.6 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा घटेगा। हालांकि, दो साल बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों है। दुकानों में अभी भी डिस्पोजेबल प्लास्टिक उत्पाद मिल रहे हैं, और लोग प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल जारी रखे हुए हैं।

सितंबर 2024 में प्रकाशित एक नए शोध के मुताबिक, भारत हर साल 9.3 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न कर रहा है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। यह मात्रा नाइजीरिया (3.5 मिलियन टन), इंडोनेशिया (3.4 मिलियन टन) और चीन के कुल प्लास्टिक कचरे के बराबर है।

प्लास्टिक प्रदूषण: स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव
प्लास्टिक प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक साबित हो रहा है। माइक्रोप्लास्टिक्स हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, प्लास्टिक समुद्री जीवन के लिए भी बड़ा खतरा बन चुका है।

समाधान क्या है?
इस समस्या का हल सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने और लोगों को प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए जागरूक करने में है। इसके साथ ही, पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करने और वैकल्पिक सामग्री का उपयोग करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह प्लास्टिक का उपयोग कम करे और पर्यावरण की रक्षा में योगदान दे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top