गोपेश्वर। केदारनाथ में पड़ रही कड़ाके की ठंड के कारण जहां पुनर्निर्माण में लगे श्रमिक लौटने लगे हैं, वहीं बदरीनाथ धाम महायोजना मास्टर प्लान का काम -4 डिग्री तापमान पहुंचने के बाद भी अनवरत जारी है। धाम में 170 मजदूरों के साथ 30 इंजीनियर भी मास्टर प्लान के कार्यों में जुटे हुए हैं। इन दिनों धाम में अलकनंदा नदी किनारे सेल्फ ड्रिलिंग एंकर, लूप रोड और अराइवल प्लाजा में आंतरिक कार्य किए जा रहे हैं। इसके तहत नदी के किनारे जमीन के अंदर नौ-नौ मीटर की ड्रिलिंग कर उसमें 32 एमएम के सरिए डाले जा रहे हैं, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ने पर भी कोई दिक्कत न हो सके।
दरअसल, बदरीनाथ महायोजना मास्टर प्लान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। पीएमओ से लेकर प्रदेश सरकार मास्टर प्लान के काम की निगरानी कर रही है। चमोली के जिलाधिकारी भी हर हफ्ते मास्टर प्लान के कार्यों की प्रगति रिपोर्ट शासन को भेज रहे हैंं। अगस्त 2022 से बदरीनाथ मास्टर प्लान का काम शुरू हुआ था। करीब डेढ़ वर्ष में लोनिवि पीआईयू (प्रोजेक्ट इंप्लीमेशन यूनिट) ने शेषनेत्र झील, बदरीश झील और बदरीनाथ बाईपास मार्ग का काम पूरा कर दिया है, जबकि लूप रोड, अराइवल प्लाजा और रिवर फ्रंट के काम चल रहे हैं।
इन दिनों धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड का प्रकोप इतना ज्यादा है कि सीमेंट और रेत में पानी मिलाने पर तैयार मसाला तुरंत जम रहा है। जिसे देखते हुए सीमेंट से जुड़े काम बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, दिन में धूप खिलने पर मजदूरों को थोड़ी राहत मिल रही, लेकिन यह धूप भी लगभग दो घंटे तक ही रहती है। अपराह्न 11 बजे के बाद से यहां शीतलहर चलनी शुरू हो जाती है। दिन में पारा करीब नौ डिग्री तक पहुंच रहा है।