Headline
चार साल के मासूम का मिला आधा अधजला शव, मुकदमा दर्ज
चार साल के मासूम का मिला आधा अधजला शव, मुकदमा दर्ज
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने सीएम धामी से की मुलाकात 
अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने सीएम धामी से की मुलाकात 
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास

ओपिनियन और एग्जिट पोल सब गलत साबित हुए

ओपिनियन और एग्जिट पोल सब गलत साबित हुए

हरिशंकर व्यास
सोशल मीडिया में लगभग सन्नाटा है। यूट्यूब चैनल्स पर भी कोई खास शोर-शराबा नहीं है। मीडिया समूहों ने अपने चैनलों पर झारखंड विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के बाद ओपिनियन पोल्स प्रसारित किए लेकिन किसी ने उन पर ध्यान नहीं दिया और न किसी ने उनको गंभीरता से लिया। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के आधार पर कोई भी पार्टी जीत का दावा भी नहीं कर रही है। मीडिया समूह खुद ही अपने सर्वेक्षण को लेकर भरोसे में नहीं हैं। सबसे दिलचस्प यह है कि लोकसभा चुनाव के समय तक जो ओपिनियन और एक्जिट पोल में जो बड़े नाम माने जाते थे वे तस्वीर से बाहर हो गए हैं। असल में लोकसभा चुनाव और उसके बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव ने तमाम सर्वे एजेंसियों, मीडिया समूहों, सोशल मीडिया के योद्धाओं और यूट्यूब चैनल्स के पक्षपाती व अपेक्षाकृत निष्पक्ष पत्रकारों को भी गलत साबित कर दिया। किसी को समझ में नहीं आया कि आखिर क्या हुआ।

चार महीने में दूसरी बार ज्यादातर मीडिया समूह, सर्वे एजेंसियां और सोशल मीडिया के राजनीतिक विश्लेषक गलत साबित हुए। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में ज्यादातर मीडिया समूहों और सर्वे एजेंसियों ने भाजपा की जीत की भविष्यवाणी की थी। कई समूह तो ऐसे थे, जिन्होंने एक्जिट पोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अबकी बार चार सौ पार’ के नारे को साकार होता देखा था। भाजपा को तीन सौ से चार या उससे भी ज्यादा सीटें मिलने की भविष्यवाणी की जा रही थी। हालांकि ‘नया इंडिया’ के इसी ‘गपशप’ कॉलम में चार जून के नतीजों से ठीक पहले वाले शनिवार यानी एक जून को संभावित नतीजों की टेबल छपी थी, जिसमें भाजपा को 235 सीटें  मिलने का अनुमान लगाया गया था।

ओपिनियन और एक्जिट पोल सब गलत साबित हुए। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने 204 सीटें जीत ली और भाजपा 240 सीट पर रह गई। उसके बाद हुए हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव में तमाम सर्वे एजेंसियों और मीडिया समूहों ने सावधानी बरती। फिर भी सब गलत साबित हुए। लगभग सभी सर्वेक्षणों में कांग्रेस को जीतते हुए दिखाया गया था। लेकिन सारी अटकलों को गलत साबित करते हुए भाजपा तीसरी बार जीत गई। उसके बाद दो तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली। एक प्रतिक्रिया में कांग्रेस पर जोरदार हमला हुआ। राहुल गांधी के करीबी नेताओं पर टिकट बेचने और 10 तरह की गड़बड़ी के आरोप लगे। दूसरी प्रतिक्रिया ईवीएम के जरिए भाजपा के जीत जाने की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top