Headline
क्या आप भी हैं पैरों के तलवों में दर्द से परेशान? तो इन योगासनों का करें अभ्यास, मिलेगी राहत
क्या आप भी हैं पैरों के तलवों में दर्द से परेशान? तो इन योगासनों का करें अभ्यास, मिलेगी राहत
“हनुमान जी की नीति ही आज के भारत की नीति है- मुख्यमंत्री योगी”
“हनुमान जी की नीति ही आज के भारत की नीति है- मुख्यमंत्री योगी”
वक्फ अधिनियम 2025 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में गरमागरम बहस, फैसला सुरक्षित
वक्फ अधिनियम 2025 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में गरमागरम बहस, फैसला सुरक्षित
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने गल्जवाड़ी में 92 लाख की लागत से बनने वाले सामुदायिक भवन का किया शिलान्यास
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने गल्जवाड़ी में 92 लाख की लागत से बनने वाले सामुदायिक भवन का किया शिलान्यास
मुख्यमंत्री धामी ने उच्चाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक, दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने उच्चाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक, दिए सख्त निर्देश
एक देश एक चुनाव से और अधिक सशक्त होगा लोकतंत्र – मुख्यमंत्री
एक देश एक चुनाव से और अधिक सशक्त होगा लोकतंत्र – मुख्यमंत्री
खनन माफियाओं पर शिकंजा, पौड़ी खनन विभाग ने कमाए 29.62 करोड़ रुपये
खनन माफियाओं पर शिकंजा, पौड़ी खनन विभाग ने कमाए 29.62 करोड़ रुपये
2009 के बाद पहली बार निर्धारित समय से पहले दस्तक देगा मानसून, मौसम विभाग ने दी जानकारी
2009 के बाद पहली बार निर्धारित समय से पहले दस्तक देगा मानसून, मौसम विभाग ने दी जानकारी
पदक विजेताओं को नगद इनाम के लिए पैसा जारी, खेल मंत्री रेखा आर्या ने जताया मुख्यमंत्री का आभार
पदक विजेताओं को नगद इनाम के लिए पैसा जारी, खेल मंत्री रेखा आर्या ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

व्हाट्सएप ने दिया दिल्ली हाई कोर्ट को जवाब, कहा- भारत में बंद कर देंगे काम

व्हाट्सएप ने दिया दिल्ली हाई कोर्ट को जवाब, कहा- भारत में बंद कर देंगे काम

जानिए क्या था पूरा मामला 

नई दिल्ली। टेक कंपनियों पर सरकार 2021 से ही शिकंजा कस रही है। सरकार का कहना है कि भारत में बिजनेस करना है तो सभी टेक कंपनियों को सरकार के नियमों का पालन करना होगा, लेकिन कुछ कंपनियों को इससे दिक्कत है, हालांकि कुछ मामलों में यह दिक्कत जायज भी है। ताजा मामला WhatsApp का है। WhatsApp और सरकार की अनबन अब आरपार वाली हो गई है। भारत सरकार और व्हाट्सएप के बीच यह विवाद साल 2021 से चल रहा है। यह पूरा मामला आईटी नियम 2021 से जुड़ा है। उस दौरान जब संशोधित आईटी नियम लागू हुआ तो उसमें यह कहा गया कि सोशल मीडिया कंपनियों को मैसेज के सोर्स की जानकारी देनी होगी। मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टैंट मल्टीमीडिया मैसेजिंग एप WhatsApp ने इसका विरोध किया। WhatsApp ने कहा कि यह संभव नहीं है। विवाद बढ़ने पर यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंचा और आज तीन साल बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है।

WhatsApp की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में कहा गया है कि वह अपने प्लेटफॉर्म के एन्क्रिप्शन को नहीं तोड़ेगी। यदि कंपनी को ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाएगा या दबाव डाला जाएगा तो वह भारत से चले जाना पसंद करेगी। दरअसल मेटा ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 4(2) को चुनौती दी है जिसमें यह प्रावधान है कि सोशल मीडिया कंपनी किसी खास मैसेज के पहले सेंडर की जानकारी दे यानी सबसे पहले किसी मैसेज को किसने भेजा इसकी जानकारी देनी होगी। आईटी नियम के मुताबिक यदि किसी मैसेज पर कोई विवाद या हिंसा होती है तो कंपनी को यह बताना होगा कि सबसे पहले उस मैसेज को किसने भेजा जिस पर विवाद या हिंसा हुई।
WhatsApp की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में कहा गया है कि व्हाट्सएप का इस्तेमाल लोग इसलिए करते हैं क्योंकि यह एन्क्रिप्टेड है और लोगों को इसकी प्राइवेसी पर भरोसा है। यूजर्स ये जानते हैं कि WhatsApp पर भेजे गए मैसेज एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं। ऐसे में उनके मैसेज को कोई भी नहीं पढ़ सकता है, लेकिन एन्क्रिप्शन तोड़ने के बाद इसकी प्राइवेसी खत्म हो जाएगी। अगर भारत सरकार ने एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया तो हमें देश छोड़ना होगा। बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक व्हाट्सएप की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में वकील तेजस कारिया ने कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ से कहा कि एक प्लेटफॉर्म के तौर पर हम कह रहे हैं कि अगर हमें एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा जाता है, तो हम यहां से चले जाएंगे। व्हाट्सएप की ओर से कहा गया कि यदि वास्तव में ऐसा किया जाए तो हमें मैसेजों की एक पूरी चेन तैयार रखनी होगी, क्योंकि हमें नहीं पता है कि कौन से मैसेज को कब डिक्रिप्ट करने के लिए कह दिया जाए। इसके लिए अरबों मैसेज को सालों तक स्टोर करना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top